नई दिल्ली: ऑल इण्डिया मजलिस ऐ इत्तिहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष बैरिस्टर असदउद्दीन ओवैसी पूर्व सांसद देवेंद्र यादव की पार्टी समाजवादी जनता दल (डेमोक्रेटिक) के मिलकर संयुक्त जनतांत्रिक सेकुलर गठबंधन (UDSA) बनाने के बाद बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhansabha Chunav 2020) में तीसरे मोर्चें को लेकर संभावना बनने लगी है. हालांकि अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है कि कोई अन्य दल इस गठबंधन में आ रहा है, या नहीं।
बिहार विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और पूर्व सांसद यादव ने इस विधानसभा चुनाव में बिहार में ‘एंट्री’ के साथ ही कहा कि बिहार में विपक्ष अपना कर्तव्य नहीं निभा रहा है. इसके अलावा, अन्य समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ आने का निमंत्रण देकर यह संकेत दे दिया कि दोनों नेताओं की नजर तीसरे मोर्चें पर है।
कहा जा रहा है कि बिहार में विपक्षी दलों का महागठबंधन (Mahagathbandhan) में शामिल छोटे दल अब तक सीट बंटवारा नहीं होने तथा गठबंधन में स्थिति स्पष्ट नहीं होने के कारण नाराज हैं. ऐसे में तय माना जा रहा है मौजूदा राजनीतिक स्थिति का फायदा उठाने का ओवैसी के पास अच्छा मौका है।
महागठबंधन को छोड़कर जो भी दल इस गठबंधन में आएंगें, उससे यह गठबंधन मजबूत होगा. बिहार में ऐसे भी कई छोटी पार्टियां हैं जिसने बीजेपी और विपक्ष से समान दूरी बना रखी है और वे भी किसी गठबंधन की तलाश में हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि ऐसे दल भी इस गठबंधन में शामिल होकर अपने रूतबे को बढाने का प्रयास करेंगे।
बिहार की राजनीति को नजदीक से जानने वाले वरिष्ठ पत्रकार संतोष सिंह भी कहते हैं कि इसमें कोई शक नहीं कि ओवैसी और देवेंद्र यादव की साथ में एंट्री से बिहार में तीसरे मोर्चे की संभावना को बल मिला है. उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि ओवैसी की कट्टर छवि उन पार्टियों के लिए गठबंधन में शामिल होने के लिए आड़े आएगी, जिन्हें हिंदू मतदाताओं के भी वोट चाहिए।
उन्होंने कहा कि बिहार में कई पार्टियां ऐसी हैं, जो जातीय समीकरण को साधते हुए सत्ता तक पहुंचती रही हैं. ऐसे में वैसी पार्टियां ओवैसी के गठबंधन में जाने से बचेंगी. सिंह यह भी कहते है कि ओवैसी की पहचान किशनगंज सहित सीमांचल के कुछ इलाकों में है, इसे नकारा नहीं जा सकता, लेकिन जो पार्टियां अन्य क्षेत्रों में भी अपनी पार्टी का विस्तार कर चुकी हैं, उनके लिए इस गठबंधन में जाना आसान नहीं होगा।
उल्लेखनीय है कि शनिवार को एआईएमआईएम के प्रमुख ओवैसी और समाजवादी जनता दल (डेमोक्रेटिक) के प्रमुख और पूर्व सांसद देवेंद्र यादव ने यहां मिलकर एक गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने की घोषणा की. पटना में शनिवार को दोनों नेताओ ने एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि बिहार को भ्रष्टाचार मुक्त, अपराध मुक्त, बाढ़ और सुखाड़ मुक्त बनाने के लिए यह गठबंधन बना है. दोनों नेताओं ने अन्य समान विचारधारा वाली पार्टियों को भी साथ आने की अपील की है।
वैसे, कौन पार्टियां इस गठबंधन में साथ आएंगी, यह तो बाद में पता चलेगा, लेकिन यह तय माना जा रहा है कि ओवैसी और देवेंद्र यादव के इस विधनसभा चुनाव में पहुंचने के बाद कुछ नए समीकरण देखने को जरूर मिलेंगे, जिससे मतदाता भी उलझेंगे।