नई दिल्ली:कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की मीटिंग के दौरान पार्टी में काफी उठ-पटक देखने को मिल रही है. अब खबर आ रही है कि राहुल गांधी ने खत लिखने वाले 23 लीडरों में के बारे में बोलते हुए कहा है कुछ लीडरों पर भाजपा से मिलीभगत का इल्ज़ाम लगाया है।
जिसके बाद पार्टी के सीनियर लीडर गुलाम नबी आज़ाद और कपिल सिब्बल सख्त नाराज़गी का इज़हार किया है. यहां तक कि गुलाम नबी आज़ाद ने इल्ज़ाम साबित होने पर पार्टी की रुक्नियत से इस्तीफा देने तक की बात कह दी है।
दरअसल गुलाम नबी आज़ाद, कपिल सिब्बल, वीरप्पा मोइली और मनीष तिवारी समेत 23 दिग्गज कांग्रेस लीडरों ने सोनिया गांधी को सीडब्ल्यूसी की बैठक से पहले एक खत लिखा था. इस खत में पार्टी कयादत पर सवाल खड़े करते हुए इन नेताओं ने एक मुस्तकिल सद्र की मांग की है जो न सिर्फ काम करता नज़र आए, बल्कि असल में ज़मीन पर उतरकर काम करे भी।
ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन के मुखिया और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने गुलाम नबी आजाद पर तंज किया है। ओवैसी ने कांग्रेस नेता आजाद को कहा है कि आप 45 साल तक कांग्रेस की गुलामी करते रहे और आपको आज भाजपा के साथ मिलीभगत करने वाला कहा जा रहा है।
45 साल के लिए क्या आपको ये इनाम मिला है। ओवैसी ने आजाद पर ये तंज उन खबरों के आधार पर किया है, जिनमें कहा जा रहा है कि राहुल गांधी ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में बदलाव की मांग के लिए चिट्ठी लिखने वाले पार्टी नेताओं को भाजपा के इशारे पर काम करने वाला कहा है। हालांकि कांग्रेस ने कहा है कि राहुल के इस तरह की कोई टिप्पणी नहीं की है, ये पूरी तरह से झूठ है।